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डिजिटल विज्ञापनों में ए/बी परीक्षण: क्या काम करता है और क्या नहीं?

AB Testing in

डिजिटल विज्ञापनों में /बी परीक्षणक्या काम करता है और क्या नहीं?

ए/बी परीक्षण डिजिटल मार्केटिंग में एक आवश्यक उपकरण बन गया है, खासकर जब डिजिटल विज्ञापन अभियानों को अनुकूलित करने की बात आती है। हालांकि यह व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, यह जानना हमेशा आसान नहीं होता कि आपके विज्ञापन के किन तत्वों का परीक्षण किया जाए और कौन से प्रभावी होते हैं। इस ब्लॉग में, हम डिजिटल विज्ञापनों के लिए ए/बी परीक्षण की मूल बातें समझाएंगे, सामान्य रणनीतियों की खोज करेंगे जो सफलता दिलाती हैं, और उन चीजों पर प्रकाश डालेंगे जिन्हें आपको बेहतर विज्ञापन प्रदर्शन के लिए टालना चाहिए।
/बी परीक्षण क्या है?

ए/बी परीक्षण (या स्प्लिट टेस्टिंग) एक विधि है जिसमें दो संस्करणों—विज्ञापन, लैंडिंग पेज, या अन्य मार्केटिंग सामग्री—की तुलना की जाती है कि कौन सा बेहतर प्रदर्शन करता है। इसमें आपके दर्शकों को दो (या अधिक) समूहों में विभाजित किया जाता है, जहां प्रत्येक समूह को एक अलग संस्करण दिखाया जाता है। फिर यह मापा जाता है कि कौन सा संस्करण बेहतर परिणाम देता है, चाहे वह अधिक क्लिक-थ्रू दर (CTR), उच्च रूपांतरण दर, या कोई अन्य प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (KPI) हो।
डेटा की शक्ति

ए/बी परीक्षण का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह डेटा-आधारित निर्णयों पर निर्भर करता है। अनुमान लगाने या केवल अपने अनुभव पर भरोसा करने के बजाय, आप विभिन्न दृष्टिकोणों का परीक्षण कर सकते हैं और यह जान सकते हैं कि आपके दर्शकों के लिए वास्तव में क्या प्रभावी है। यह आज के तेजी से बदलते डिजिटल युग में महत्वपूर्ण है, जहां उपभोक्ता की प्राथमिकताएं लगातार विकसित हो रही हैं और हर मार्केटिंग डॉलर मायने रखता है।

डिजिटल विज्ञापनों में किन तत्वों का परीक्षण करें?

आप अपने विज्ञापन अभियानों के लगभग किसी भी पहलू का ए/बी परीक्षण कर सकते हैं, लेकिन कुछ तत्व ऐसे हैं जिनका सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। नीचे कुछ प्रमुख कारकों का उल्लेख किया गया है जिन्हें आपको अवश्य परीक्षण करना चाहिए:


1. 
विज्ञापन की कॉपी

आपके विज्ञापन में इस्तेमाल किए गए शब्द इसके प्रदर्शन को काफी हद तक प्रभावित कर सकते हैं। अलग-अलग शीर्षकों, विवरणों, कॉल-टू-एक्शन (CTA), और यहां तक कि विज्ञापन की भाषा या शैली का परीक्षण करना प्रभावी साबित हो सकता है।

क्या काम करता है?

  • स्पष्ट और संक्षिप्त CTA: जैसे “अभी खरीदें” या “शुरू करें” जैसी कार्रवाई-उन्मुख भाषा उच्च रूपांतरण दर उत्पन्न कर सकती है।
  • व्यक्तिगत अपील: ऐसी कॉपी जो सीधे दर्शकों की समस्याओं या इच्छाओं से जुड़ी हो, बेहतर प्रदर्शन करती है। उदाहरण: “क्या आपको तेज़ डिलीवरी चाहिए?” बनाम “तेज़ डिलीवरी उपलब्ध है!”
  • तत्कालता और दुर्लभता: “सीमित समय का ऑफर” या “सिर्फ 5 बचे हैं” जैसे शब्द क्रिया करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

क्या काम नहीं करता?

  • अस्पष्ट CTA: जैसे “अधिक जानें” जैसी सामान्य भाषा उपयोगकर्ताओं को तुरंत कार्रवाई करने के लिए प्रेरित नहीं करती।
  • जटिल भाषा: अत्यधिक औपचारिक या जटिल शब्दावली से दर्शक भ्रमित हो सकते हैं। सरल और स्पष्ट भाषा बेहतर काम करती है।

2. दृश्य तत्व

आपके विज्ञापन का डिज़ाइन—चाहे वह कोई छवि, वीडियो या ग्राफिक हो—ध्यान आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अलग-अलग दृश्य तत्वों का ए/बी परीक्षण करके आप जान सकते हैं कि आपके दर्शकों को कौन सा प्रकार सबसे अधिक पसंद आता है।

क्या काम करता है?

  • उच्चगुणवत्ता वाली और प्रासंगिक छवियां: ऐसी छवियां जो न केवल स्पष्ट और आकर्षक हों, बल्कि आपके उत्पाद या सेवा के लाभ भी दिखाएं।
  • वीडियो विज्ञापन: संक्षिप्त, आकर्षक वीडियो सामग्री आमतौर पर बेहतर जुड़ाव उत्पन्न करती है।
  • ब्रांडिंग के साथ संगति: आपके विज्ञापन का डिज़ाइन आपके ब्रांड की पहचान से मेल खाना चाहिए।

क्या काम नहीं करता?

  • अत्यधिक भरा हुआ डिज़ाइन: बहुत अधिक टेक्स्ट या तत्वों वाला विज्ञापन दर्शकों को आकर्षित करने के बजाय उलझन में डाल सकता है।
  • अप्रासंगिक छवियां: यदि आपकी छवि आपके प्रस्ताव या संदेश से मेल नहीं खाती है, तो यह दर्शकों को भ्रमित कर सकती है।

3. लक्ष्य दर्शक

आपका विज्ञापन किसे लक्षित कर रहा है, यह उसके प्रदर्शन को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

क्या काम करता है?

  • सटीक लक्ष्यीकरण: विभिन्न आयु, लिंग, स्थान, रुचियों और व्यवहारों के आधार पर परीक्षण करें।
  • लुकअलाइक ऑडियंस: फेसबुक और गूगल जैसे प्लेटफॉर्म पर लुक-अलाइक ऑडियंस का उपयोग करना प्रभावी हो सकता है।

क्या काम नहीं करता?

  • बहुत व्यापक लक्ष्यीकरण: एक सामान्य दर्शक समूह को लक्षित करने से परिणाम कमजोर हो सकते हैं।
  • ऑडियंस ओवरलैप की अनदेखी: विभिन्न परीक्षण समूहों में ओवरलैप से डेटा की सटीकता प्रभावित हो सकती है।

4. विज्ञापन प्लेसमेंट

विज्ञापन कहां दिखाई देता है, इससे उसके प्रदर्शन पर काफी प्रभाव पड़ता है।

क्या काम करता है?

  • प्लेटफॉर्मविशिष्ट अनुकूलन: इंस्टाग्राम विज्ञापन में कम टेक्स्ट और अधिक दृश्य सामग्री प्रभावी होती है, जबकि लिंक्डइन पर अधिक पेशेवर सामग्री बेहतर काम कर सकती है।
  • डिवाइस लक्ष्यीकरण: मोबाइल और डेस्कटॉप पर विज्ञापन प्रदर्शन में भिन्नता हो सकती है, इसलिए दोनों का परीक्षण करें।

क्या काम नहीं करता?

  • उपयोगकर्ता अनुभव की उपेक्षा: एक प्लेटफॉर्म पर अच्छा प्रदर्शन करने वाला विज्ञापन किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर उतना प्रभावी नहीं हो सकता।

5. लैंडिंग पेज अनुभव

यदि उपयोगकर्ता आपके विज्ञापन पर क्लिक करते हैं, तो उन्हें एक सहज अनुभव मिलना चाहिए।

 क्या काम करता है?

  • तेज़ लोडिंग समय: धीमे पेज उच्च बाउंस दर उत्पन्न कर सकते हैं।
  • संगत संदेश: लैंडिंग पेज का संदेश और डिज़ाइन विज्ञापन से मेल खाना चाहिए।
  • सरल फॉर्म: यदि आपको जानकारी एकत्र करनी है, तो फॉर्म को छोटा और आसान बनाएं।

क्या काम नहीं करता?

  • असंगत उपयोगकर्ता यात्रा: यदि विज्ञापन कुछ वादा करता है और लैंडिंग पेज कुछ और दिखाता है, तो इससे भरोसा टूट सकता है।
  • बहुत अधिक जानकारी: अत्यधिक लंबा और जटिल कंटेंट उपयोगकर्ताओं को हटा सकता है।

आम गलतियाँ जो आपको नहीं करनी चाहिए

1. बहुत अधिक तत्वों का एक साथ परीक्षण करना: एक समय में केवल एक तत्व का परीक्षण करें।

2. पर्याप्त डेटा एकत्र करने से पहले परीक्षण रोकना: जल्दी निष्कर्ष पर न पहुँचें।

3. स्टैटिस्टिकल सिग्निफिकेंस की अनदेखी: छोटे डेटा सेट के आधार पर निर्णय न लें।

4. परीक्षण के बाद डेटा का विश्लेषण  करना: प्रत्येक परीक्षण के परिणामों का ठीक से विश्लेषण करें।

निष्कर्ष:

ए/बी परीक्षण डिजिटल विज्ञापन अभियानों को अनुकूलित करने के लिए एक शक्तिशाली तरीका है। सही तत्वों का परीक्षण करके, आप अपने विज्ञापनों के प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं और अपने निवेश पर अधिकतम रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।

लेकिन याद रखें, यह एक सतत प्रक्रिया है। जितना अधिक आप परीक्षण करेंगे, उतना अधिक आप सीखेंगे और अपने अभियानों को और अधिक सफल बना सकेंगे।

नोएडा के शीर्ष 5 करियर काउंसलिंग संस्थान

1. ग्लोबल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी एंड लर्निंग (GCETL)

ग्लोबल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी एंड लर्निंग (GCETL) नोएडा के प्रमुख कैरियर काउंसलिंग संस्थानों में से एक है। यह संस्थान देश के बेहतरीन कैरियर काउंसलरों के साथ छात्रों को उनकी ताकत, कमजोरियों और करियर विकल्पों की पहचान करने में मदद करता है। GCETL कौशल विकास कार्यशालाओं और उद्योग के रुझानों पर छात्रों के लिए सेमिनार भी आयोजित करता है।

वेबसाइट: https://gcetl.in/

कॉल/व्हाट्सएप नंबर: 9205724972

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2.कॉलेज दुनिया

कॉलेज दुनिया छात्रों को सर्वश्रेष्ठ कॉलेज और विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए कैरियर काउंसलिंग सेवाएं प्रदान करता है। उनके विशेषज्ञ कोर्स, कॉलेज और करियर के बारे में व्यापक जानकारी प्रदान करते हैं।

वेबसाइट:collagedunia.com

कॉल/व्हाट्सएप नंबर: 7291040120

3.कॉलेज विद्या

कॉलेज विद्या आधुनिक शिक्षा प्रारूपों पर ध्यान केंद्रित करता है और ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग कोर्स चुनने में मदद करता है।

वेबसाइट: collagevidya.com

कॉल/व्हाट्सएप नंबर: 8920376362

4.शिक्षा

शिक्षा भारत में अग्रणी कैरियर गाइडेंस वेबसाइट है। यह उच्च शिक्षा, प्रवेश परीक्षाओं, और कॉलेज एडमिशन पर सलाह प्रदान करती है।

वेबसाइट:shikksha.com

कॉल/व्हाट्सएप नंबर: 8700451071

5.कॉलेज देखो

कॉलेज देखो छात्रों को उनकी कैरियर योजना, प्रवेश परीक्षा और कॉलेज चयन में मार्गदर्शन करता है।

वेबसाइट: collagedekho.com

कॉल/व्हाट्सएप नंबर: 8448712097

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Written by Charu Baliyan

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